लेखांकन की परिभाषिक शब्दावली (Terminology of Accounting in Hindi)

लेखांकन एक जटिल क्षेत्र है, जिसमें विभिन्न अवधारणाओं और प्रक्रियाओं को समझने के लिए विशेष शब्दावली का उपयोग किया जाता है। नीचे दिए गए शब्दों और उनके अर्थों को जानना उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है, जो लेखांकन, वित्तीय प्रबंधन या व्यवसाय संचालन में रुचि रखते हैं।

  1. परिसंपत्तियाँ (Assets): वे संसाधन जो किसी व्यवसाय के पास होते हैं या जिन पर उसका नियंत्रण होता है, और जो भविष्य में आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं।
  2. देनदारियाँ (Liabilities): वे दायित्व जिन्हें व्यवसाय को भविष्य में पूरा करना होता है।
  3. इक्विटी (Equity): देनदारियों को घटाने के बाद व्यवसाय की परिसंपत्तियों में बचा हुआ शेष हिस्सा।
  4. राजस्व (Revenue): वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री से व्यवसाय द्वारा अर्जित आय।
  5. खर्च (Expenses): व्यवसाय चलाने में होने वाली लागतें।
  6. लाभ (Profit): राजस्व और खर्च के बीच का अंतर।
  7. बैलेंस शीट (Balance sheet): एक वित्तीय विवरण जो किसी विशेष समय पर व्यवसाय की परिसंपत्तियाँ, देनदारियाँ और इक्विटी को दर्शाता है।
  8. आय विवरण (Income statement): एक वित्तीय विवरण जो किसी विशिष्ट अवधि के दौरान व्यवसाय के राजस्व, खर्च और लाभ/हानि को प्रदर्शित करता है।
  9. नकदी प्रवाह विवरण (Cash flow statement): एक वित्तीय विवरण जो किसी अवधि में व्यवसाय में नकदी के आगमन और प्रस्थान को दर्शाता है।
  10. खातों में देय (Accounts payable): क्रेडिट पर खरीदी गई वस्तुओं या सेवाओं के लिए व्यवसाय द्वारा आपूर्तिकर्ताओं को देय राशि।
  11. खातों में प्राप्य (Accounts receivable): क्रेडिट पर बेची गई वस्तुओं या सेवाओं के लिए ग्राहकों द्वारा व्यवसाय को देय राशि।
  12. मूल्यह्रास (Depreciation): दीर्घकालिक परिसंपत्ति के मूल्य में समय के साथ गिरावट, जो उपयोग, पहनावे और अप्रचलन के कारण होती है।
  13. समायोजन (Accruals): वे खर्च या राजस्व जो तो हो चुके हैं, पर अभी तक भुगतान या प्राप्त नहीं हुए हैं।
  14. जनरल लेजर (General ledger): व्यवसाय के सभी वित्तीय लेन-देन का अभिलेख।
  15. ट्रायल बैलेंस (Trial balance): एक विवरण जो व्यवसाय के खातों की शेष राशियों को सूचीबद्ध करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेबिट और क्रेडिट बराबर हैं।
  16. ऑडिट (Audit): व्यवसाय के वित्तीय विवरणों की स्वतंत्र जांच, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सटीक हैं और लेखांकन मानकों का पालन करते हैं।
  17. खातों में देय (AP): प्राप्त वस्तुओं या सेवाओं के लिए अभी तक भुगतान न किए गए, आपूर्तिकर्ताओं या क्रेडिटरों के प्रति देय राशि।
  18. खातों में प्राप्य (AR): बेची गई वस्तुओं या सेवाओं के लिए ग्राहकों द्वारा अभी तक भुगतान न की गई राशि।
  19. समायोजन लेखांकन (Accrual accounting): ऐसा लेखांकन तरीका जिसमें राजस्व और खर्च को तब मान्यता दी जाती है जब वे उत्पन्न होते हैं, न कि जब प्राप्त या भुगतान किए जाते हैं।
  20. समायोजन (Accruals): (पुनरावृत्ति) वे खर्च या राजस्व जो तो हो चुके हैं, पर अभी तक भुगतान या प्राप्त नहीं हुए।
  21. अमोर्टाइजेशन (Amortization): अमूर्त परिसंपत्तियों (जैसे पेटेंट या ट्रेडमार्क) के मूल्य को उसके उपयोगी जीवनकाल में धीरे-धीरे कम करने की प्रक्रिया।
  22. परिसंपत्ति (Asset): (पुनरावृत्ति) कोई भी ऐसा संसाधन जो व्यवसाय के पास है या जिस पर उसका नियंत्रण है, और जो भविष्य में आर्थिक लाभ प्रदान करता है।
  23. ऑडिट (Audit): (पुनरावृत्ति) स्वतंत्र जांच कि व्यवसाय के वित्तीय विवरण सटीक हैं और मानकों का पालन करते हैं।
  24. बैलेंस शीट (Balance sheet): (पुनरावृत्ति) वह वित्तीय विवरण जो परिसंपत्तियाँ, देनदारियाँ और इक्विटी दर्शाता है।
  25. बुक वैल्यू (Book value): व्यवसाय के लेखांकन अभिलेखों में दिखाई गई परिसंपत्ति या देनदारी का मूल्य।
  26. पूंजीगत व्यय (Capital expenditure): दीर्घकालिक परिसंपत्तियों (जैसे उपकरण या भवन) पर किया गया खर्च, जो भविष्य में आर्थिक लाभ प्रदान करता है।
  27. नकद लेखांकन (Cash accounting): ऐसा लेखांकन तरीका जिसमें राजस्व और खर्च को तब मान्यता दी जाती है जब प्राप्त या भुगतान किए जाते हैं।
  28. नकदी प्रवाह विवरण (Cash flow statement): (पुनरावृत्ति) वह विवरण जो नकदी के आगमन और प्रस्थान को दर्शाता है।
  29. खातों की सूची (Chart of accounts): व्यवसाय द्वारा अपने वित्तीय लेन-देन को रिकॉर्ड करने हेतु उपयोग किए जाने वाले सभी खातों की सूची।
  30. वस्तुओं की लागत (Cost of goods sold - COGS): उन वस्तुओं को उत्पादन या अधिग्रहण करने की लागत, जिन्हें व्यवसाय द्वारा बेचा जाता है।
  31. क्रेडिट (Credit): लेखांकन अभिलेख में वह प्रविष्टि जो व्यवसाय की देनदारियाँ या इक्विटी बढ़ाती है।
  32. डेबिट (Debit): लेखांकन अभिलेख में वह प्रविष्टि जो व्यवसाय की परिसंपत्तियाँ या खर्च बढ़ाती है।
  33. मूल्यह्रास (Depreciation): (पुनरावृत्ति) दीर्घकालिक परिसंपत्ति के मूल्य में गिरावट।
  34. लाभांश (Dividend): व्यवसाय द्वारा अपने शेयरधारकों को मुनाफे का हिस्सा प्रदान करने के लिए किया जाने वाला भुगतान।
  35. इक्विटी (Equity): (पुनरावृत्ति) देनदारियों को घटाने के बाद बची हुई परिसंपत्तियाँ।
  36. खर्च (Expense): व्यवसाय के संचालन में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं या सेवाओं की लागत।
  37. वित्तीय लेखांकन (Financial accounting): वह शाखा जो बाहरी उपयोगकर्ताओं के लिए वित्तीय विवरणों के निर्माण और प्रस्तुति से संबंधित है।
  38. जनरल लेजर (General ledger): (पुनरावृत्ति) सभी वित्तीय लेन-देन का अभिलेख।
  39. सकल लाभ (Gross profit): वस्तुओं की लागत घटाने के बाद, अन्य खर्चों के पूर्व प्राप्त लाभ।
  40. आय विवरण (Income statement): (पुनरावृत्ति) वह विवरण जो किसी अवधि के दौरान राजस्व, खर्च, और लाभ/हानि को दर्शाता है।
  41. अमूर्त परिसंपत्ति (Intangible asset): ऐसी परिसंपत्ति जिसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता, जैसे पेटेंट या ट्रेडमार्क।
  42. इन्वेंटरी (Inventory): वे वस्तुएँ जिन्हें व्यवसाय बिक्री के लिए या उत्पादन में उपयोग हेतु रखता है।
  43. जर्नल एंट्री (Journal entry): लेखांकन प्रणाली में किसी वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड।
  44. देनदारियाँ (Liabilities): (पुनरावृत्ति) वे दायित्व जिन्हें भविष्य में पूरा करना होता है।
  45. शुद्ध आय (Net income): सभी खर्चों, सहित करों को घटाने के पश्चात व्यवसाय द्वारा अर्जित लाभ।
  46. परिचालन खर्च (Operating expenses): व्यवसाय चलाने में होने वाले खर्च, जैसे कि किराया, बिजली, पानी आदि।
  47. पेरोल (Payroll): कर्मचारियों को उनके कार्य के लिए दी जाने वाली कुल वेतन राशि।
  48. लाभ (Profit): (पुनरावृत्ति) राजस्व और खर्च के बीच का अंतर।
  49. अनुपात विश्लेषण (Ratio analysis): वित्तीय अनुपातों के माध्यम से व्यवसाय के प्रदर्शन और स्थिति का मूल्यांकन।
  50. संचित लाभ (Retained earnings): व्यवसाय के मुनाफे का वह हिस्सा जो लाभांश के रूप में वितरित नहीं किया जाता, बल्कि भविष्य के लिए रखा जाता है।
  51. राजस्व (Revenue): (पुनरावृत्ति) वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री से प्राप्त आय।
  52. ट्रायल बैलेंस (Trial balance): (पुनरावृत्ति) खातों की शेष राशियों की सूची, जिससे डेबिट और क्रेडिट का संतुलन सुनिश्चित हो सके।
  53. कार्यशील पूंजी (Working capital): वर्तमान परिसंपत्तियाँ और वर्तमान देनदारियों के बीच का अंतर।
  54. संचित खर्च (Accrued expenses): वे खर्च जो तो हो चुके हैं लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुए, जैसे कि वेतन।
  55. खराब ऋण (Bad debts): ऐसे खातों में प्राप्य जो वसूल नहीं हो पाने की संभावना के कारण नुकसान के रूप में लिख दिए जाते हैं।
  56. संभावित देनदारियाँ (Contingent liabilities): वे संभावित दायित्व जो भविष्य की घटनाओं (जैसे मुकदमे या वारंटी) से उत्पन्न हो सकते हैं।
  57. लागत लेखांकन (Cost accounting): वह शाखा जो उत्पादन की लागत के मापन और विश्लेषण से संबंधित है।
  58. डबल-एंट्री लेखांकन (Double-entry accounting): लेखांकन प्रणाली जिसमें प्रत्येक लेन-देन को डेबिट और क्रेडिट दोनों रूपों में दर्ज किया जाता है।
  59. वित्तीय विवरण (Financial statement): एक दस्तावेज़ जो व्यवसाय के वित्तीय प्रदर्शन और स्थिति को प्रदर्शित करता है, जैसे कि बैलेंस शीट या आय विवरण।
  60. गुडविल (Goodwill): व्यवसाय की प्रतिष्ठा, ग्राहक संबंध और अन्य अमूर्त परिसंपत्तियों का मूल्य।
  61. इन्वेंटरी टर्नओवर (Inventory turnover): वह दर जिस पर व्यवसाय अपनी इन्वेंटरी को बेचता और फिर से भरता है।
  62. LIFO/FIFO: इन्वेंटरी मूल्यांकन की विधियाँ, जिनमें अंतिम प्रवेश, पहला निकास (LIFO) या पहला प्रवेश, पहला निकास (FIFO) का सिद्धांत अपनाया जाता है।
  63. महत्वपूर्णता (Materiality): यह सिद्धांत कि वित्तीय जानकारी को तभी रिपोर्ट करना चाहिए जब उसका उपयोगकर्ताओं के निर्णयों पर प्रभाव पड़ सके।
  64. परिचालन आय (Operating income): व्यवसाय की मुख्य गतिविधियों से होने वाला लाभ, ब्याज और करों की कटौती से पूर्व।
  65. मालिक की इक्विटी (Owner's equity): व्यवसाय की उन परिसंपत्तियों का वह हिस्सा जो व्यवसाय के मालिक के स्वामित्व में होता है।
  66. निवेश पर वापसी (Return on investment - ROI): निवेश की लाभप्रदता का माप, जिसे शुद्ध लाभ को कुल निवेश से विभाजित करके निकाला जाता है।

इस परिभाषिक शब्दावली का ज्ञान लेखांकन के मूल सिद्धांतों और प्रक्रियाओं को समझने में सहायक है। चाहे आप छात्र हों, पेशेवर हों या व्यवसायी, इन शब्दों की समझ आपके वित्तीय निर्णयों को और अधिक सटीक तथा प्रभावी बनाएगी।

Sandeep Ojha

Hi, I’m an accountant, tax consultant, and ERP expert passionate about making finance easy. At Commerce Tutors, I share clear, concise guides on accountancy, income tax, GST, and company laws to empower students and professionals alike facebook instagram reddit quora linkedin

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