व्यापर की परिभाषा, तथा उसके प्रकार।

व्यापार की परिभाषा (Definition of trade)



लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओं का क्रय-विक्रय (खरीदना-बेचना) व्यापार कहलाता है। व्यपार दो व्यक्तियों के बीच मे होने वाली खरीद बिक्री (purchase-sales) को कहतें है। व्यापार मानव जीवन का अभिन्न अंग है। व्यापार का मुख्य उद्देश्य बाजार की मांग की पूर्ति करना है। निर्माता माल का उत्पादन करता है और उसे थोक विक्रेता को बेच देता है, फिर थोक विक्रेता उसे खुदरा व्यपारियों को बेच देता है, और फिर आखिर में वह माल खुदरा व्यपारियों के द्वारा उपभोक्तओं तक पहुचता है।

व्यापार के प्रकार (Types of Trade)

मुख्य रूप से व्यपार के दो प्रकार है।

1) घरेलू व्यापार (Internal Trade)
2) अंतराष्ट्रीय व्यापार (External Trade)

1) घरेलू व्यापार (Internal Trade)

घरेलू व्यापार किसी भी देश की राजनीतिक और भौगोलिक सीमा के भीतर होता है। आसान शब्दो में कहे तो देश के अंदर होने वाली खरीद-बिक्री को घरेलू व्यापार कहते है।

घरेलू व्यापार में किसी भी प्रकार का आयात /निर्यात कर (Import/Export Duty) या सिमा कर (Custom Duty) नही लगता है। इसमे आपको सिर्फ स्थानीय सरकारों(Local Government) द्वारा लगाये गए कर ही देना होता है। घरेलू व्यापार में उत्पाद केवल घरेलू उपभोग के लिए होता है।

घरेलू व्यापर में व्यापर दो प्रकार के होते  है। पहला थोक व्यापार और दूसरा खुदरा व्यापार। इसमे उत्पादक अपने उत्पाद को थोक व्यापारियों (Wholeseller) को बेच देता है। थोक व्यापारी उस उत्पाद को खुदरा व्यापारी (Retail seller) को बेच देता है, और खुदरा व्यापारी से उपभोक्ता (consumer)  को बेच देता है।

घरेलू व्यापार में व्यापर दो रूपों में होता है।

1) थोक व्यापार (Wholesales trade)   
2) खुदरा व्यापार (Retail trade)

1) थोक व्यापार (Wholesales Trade)

थोक व्यापार घरेलू व्यापार का मुख्य अंग है। यहां माल को बड़ी भारी मात्रा में उत्पादक से खरीदा जाता है। फिर उस माल को गोदाम रखा जाता है, और उसको खुदरा व्यपारियों, बिचौलियों, व्यापारियों को बेचा जाता है। थोक व्यापारी सीधे उपभोक्ता को माल नही बेचती। थोक व्यापार के ग्राहक कमर्शियल उपयोगकर्ता या अन्य बिचौलिये होते है, न कि उपभोक्ता।

देश के घरेलू व्यापार में थोक व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। थोक व्यापारी उत्पादक और खुदरा व्यापारियों के बीच मध्यता की भूमिका निभाता है। थोक व्यापारी बड़ी मात्रा में माल का क्रय करता है। (इससे उत्पादक को माल को गोदाम में रखने की चिंता नहीं करनी पड़ती, तथा खुदरा व्यापारी अपने सुविधा के हिसाब से माल ख़रीद लेते है।)आम तौर पर थोक व्यापारी एक प्रकार या एक ही श्रेणी के माल का क्रय-विक्रय करतें है।

2) खुदरा व्यापार (Retail Trades)

खुदरा व्यापार में व्यापारी माल को सीधे उपभोक्ता को बेचता है। खुदरा व्यापार, थोक व्यापार या उत्पादक को उपभोक्त से जोड़ता है। आमतौर पर खुदरा व्यापारी माल उपभोक्ता को कम मात्रा में उनके व्यक्तिगत उपयोग के लिए बेचता है।

खुदरा (Retail) वितरण का अंतिम चरण है। खुदरा व्यापारी माल हमेशा थोक व्यापारी से खरीदता है, पर कभी- कभी वह माल सीधे उत्पादक से कम दाम पर बड़ी मात्रा में खरीद कर, उसे सीधे उपभोक्ता को उसके जरूरत के हिसाब से छोटी मात्रा में बेच देता है। इससे खुदरा व्यापारी जादा लाभ कमाता है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade)

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार देश के राजनीतिक और भेाैगोलिक सीमा के बाहर होता है। इस में एक देश दूसरे देश के साथ माल (product) और सेवाओं (service) का आयात तथा निर्यात (Import and Export) करते है।

Sandeep Ojha

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